मैक्डूगल के अनुसार संवेग ( Macdougall Ke Samveg ):-
मैक्डूगल के अनुसार संवेग 14 प्रकार के होते हैं। मैक्डूगल का संवेग मूल प्रवृत्ति से जुड़ी हुई है। संवेग की उत्पत्ति मूल प्रवृत्तियों से हुई है। संवेग का मतलब होता है उत्तेजना। अर्थात जब हम अपनी अंदर के भाव को बाहर व्यक्त करते हैं उसे संवेग कहते हैं।
मैक्डूगल का पहला संवेग है – भय। मैक्डूगल को मूल प्रवृति का जनक कहा जाता है। मूल – प्रवृत्ति सभी प्राणियों में पायी जाने वाली एक तरह की प्रमुख विशेषता है जो कि यह जन्मजात और प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
मूल प्रवृत्ति को English में Basic Instinct कहते हैं। मैक्डूगल का मानना था कि ‘प्राणियों में संवेग उत्पन्न होने पर जो क्रिया होती है उसे मूल प्रवृत्ति कहते हैं’। प्रत्येक मूल प्रवृत्ति के साथ एक संवेग जुड़ा होता है।
मैक्डूगल के 14 संवेग का नाम निम्नलिखित है : –
1. भय ( Fear )
2. घृणा ( Disgust )
3. क्रोध ( Anger )
4. वात्सल्य ( Tender )
5. दुःख ( Distress )
6. आश्चर्य ( Wonder )
7. भूख ( Hunger )
8. आत्महीनता ( Negative Self Feeling )
9. आत्मगौरव ( Positive Self Feeling )
10. कामुकता ( Lust )
11. एकाकीपन ( Loneliness )
12. कृतिभाव ( Creativeness )
13. अधिकार भावना ( Feeling Of Ownership )
14. आमोद ( Amusement )
Ques. मैक्डूगल कौन था ?
Ans – मैक्डूगल का पूरा नाम विलियम मैक्डूगल था। उनका जन्म इंग्लैंड में हुआ था। वे अपने कैरियर का पहला हिस्सा इंग्लैंड में बिताये और दूसरा हिस्सा अमेरिका में बिताये। वे एक 20वीं शताब्दी के जाने माने मनोवैज्ञानिक थे।