आगमन विधि और निगमन विधि में अंतर | Aagman Aur Nigman Vidhi Mein Antar

हमलोग अभी आगमन और निगमन विधि में अंतर के बारे में पढ़ने वाले हैं। वैसे तो आगमन और निगमन के नाम से ही स्पष्ट है कि इन दोनों के बीच में अंतर होता है लेकिन हमलोग सिर्फ इनके बीच का मुख्य अंतर के बारे में पढ़ेंगे।

 

1. आगमन एक मनोवैज्ञानिक विधि है जबकि निगमन एक मनोवैज्ञानिक विधि नहीं है।

2. आगमन विधि उदाहरण से नियम की ओर चलती है जबकि निगमन विधि नियम से उदाहरण की ओर चलती है।

3. आगमन विधि विशिष्ट से सामान्य की ओर ले जाता है जबकि निगमन विधि सामान्य से विशिष्ट की ओर ले जाता है।

4. आगमन विधि स्थूल से सूक्ष्म की ओर चलती है जबकि निगमन विधि सूक्ष्म से स्थूल की ओर चलती है।

5. आगमन विधि में स्थायी ज्ञान मिलता है जबकि निगमन विधि में स्मरण शक्ति का विकास होता है।

6. आगमन विधि छोटी क्लास के लिए उपयुक्त है जबकि निगमन विधि में कम समय में अधिक ज्ञान प्राप्त किया जाता है। आगमन विधि से शिक्षण में निगमन विधि के तुलना में थोड़ा अधिक समय लगता है।

7. आगमन विधि परिणाम पूर्णतः सत्य नहीं है और निगमन विधि में मानसिक शक्ति का विकास नहीं होता है।

8. आगमन विधि सभी स्तर के बालकों के लिए नहीं है वहीं निगमन विधि यंत्रवत कार्य करने की आदत डालती है।

9. आगमन विधि की गति धीमी होती है वहीं निगमन विधि में रटने की आदत का विकास होता है।

 

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