आपातकाल में नागरिको के मौलिक अधिकार | Aapatkal Mein Nagriko Ke Maulik Adhikar

आपातकाल में नागरिको के मौलिक अधिकार ( Aapatkal Mein Nagriko Ke Maulik Adhikar ) :- 

आपातकाल के समय ज्यादातर  मौलिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं।  अनुछेद 19 के अंतर्गत दिए  गए 6 मौलिक अधिकार स्वतः समाप्त हो जाते हैं।  लेकिन ऐसा सिर्फ राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध या बाहरी आक्रमण के समय होता है। बस अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 निलंबित नहीं होता है। ऐसा हम कह सकते हैं कि अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 को छोड़कर बाकी सारे मौलिक अधिकार निलंबित हो जाते हैं।

 

आपातकाल क्या है ?

आपातकाल एक ऐसा प्रावधान है जब देश पर आंतरिक, बाहरी एवं आर्थिक रूप से किसी तरह खतरे की अशंका होती है। तब राष्ट्रपति के द्वारा आपातकाल लागू कर दी जाती है।

कैबिनेट मिशन योजना क्या थी ?

 

आपातकाल में अनुच्छेद 359 के तहत राष्ट्रपति के द्वारा अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 को छोड़कर अन्य मूल अधिकारों का निलंबित किया जाता है। 

 

आपातकाल में 44वें संविधान संशोधन में अधिनियम 1978 के द्वारा यह व्यवस्था की गयी है कि अनुच्छेद 20 एवं अनुच्छेद 21 का निलंबन कभी नहीं किया जाएगा। 

 

सशस्त्र विद्रोह के समय केवल अनुच्छेद 19 का निलंबन किया जाता है, अन्य मौलिक अधिकारों का निलंबन नहीं किया जाता है। 

 

यदि राष्ट्रिय आपातकाल अनुच्छेद 352 भारत के किसी भी हिस्से में लगा हुआ है तो केवल उस हिस्से के लोगों का ही मौलिक अधिकार प्रभावित होता है। अन्य हिस्से के लोगों का मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं होता है।   

 

 

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