चिपको आंदोलन के प्रणेता कौन थे ( Chipko Andolan Ke Praneta Kaun The ) ?
चिपको आंदोलन आंदोलन के प्रणेता सुन्दर लाल बहुगुणा थे। यह आंदोलन उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के द्वारा चलाया गया था। इस आंदोलन की शुरुआत 1973 में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले से हुआ था।
चिपको आंदोलन का मुख्य लक्ष्य था पेड़ों की कटाई को रोकना और जंगलो को सुरक्षित रखना। जिससे कि पर्यावरण पर इसका दुष्प्रभाव न पड़े। पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रमुख रूप से इस आंदोलन को चलाया गया था।
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जंगल में करीब 2500 पेड़ों को काटने की नीलामी हुई थी। तभी गौरा देवी नामक महिला ने अन्य महिलाओं के साथ इस नीलामी का विरोध किया था। सरकार और ठेकेदार पर इस विरोध का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। और ठेकेदार अपने आदमी को पेड़ काटने के लिए भेज दिया।
गौरा देवी और उनके 21 साथियों ने उन लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे काटने की जिद किए तो सभी महिलाएं पेड़ों से चिपक गई। वे कहनें लगी की पहले मुझे काटो फिर इन पेड़ों को कटना।
चिपको आंदोलन में गौरा देवी, सुंदरलाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इसलिए गौरा देवी को हम ‘ चिपको विमन’ और सुंदरलाल बहुगुणा को वृक्षमित्र के नाम से जानते हैं।