परासरण क्या है ( Osmosis Kya Hai ) ?
परिभाषा – जल के अणुओं का अपनी उच्च सांद्रता (तनु विलियन / Dilute Solution) से अपनी निम्न सांद्रता (सांद्र विलियन / Concentrate Solution) की ओर अर्ध पारगम्य झिल्ली (Semipermeable Membrane) से होकर गुजरना ही परासरण कहलाता है।
परासरण के उदाहरण :-
उदाहरण के लिए एक पात्र के मध्य में अर्ध पारगम्य झिल्ली रखते हैं। अब दोनों भागों को A व B नाम देते हैं। मान लेते हैं कि A में पानी की मात्रा ज्यादा है, और Solute कम है। तथा B में पानी की मात्रा कम है, और Solute ज्यादा है। तो अब A Dilute है, तो अर्ध पारगम्य झिल्ली से होकर पानी तो B की तरफ चला जायेगा लेकिन Solute A में ही रहेंगे। इसी प्रकार से Osmosis कार्य करता है।
परासरण के प्रकार (Types of Osmosis) :-
परासरण को दो भागों में बांटा गया है –
अंतः परासरण क्या है ?
1. अन्तः परासरण (Endosmosis) – अन्तः परासरण को हम उदाहरण से समझते हैं। हम एक बीकर लेते हैं, तथा उसे पानी से भर देते हैं। उसके बाद उसमें कुछ सिकुड़ी हुई किशमिस डाल देते हैं। कुछ समय बाद आप देखते हैं, कि सिकुड़ी हुई कि शमिस फूल जाती हैं।
किशमिस के अंदर पानी आने से किशमिस फूल जाती हैं। अर्थात जब पानी बाहर से कोशिका के अंदर आ जाये, तो यह प्रक्रिया अन्तः परासरण (Endosmosis) कहलाती है।
बाह्य परासरण किसे कहते हैं ?
2. बाह्य परासरण (Exosmosis) – यह अन्तः परासरण के विपरीत रूप से कार्य करता है। इसके लिए हम एक बीकर लेते हैं, और उसे नमक या चीनी के घोल से भर देते हैं। और किशमिस की जगह अंगूर डालते हैं। कुछ देर बाद अंगूर सिकुड़ जाता है, क्योंकि अंगूर से पानी बाहर निकल जाता है। यह प्रक्रिया बाह्य परासरण (Exosmosis) कहलाती है।
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परासरण के आधार पर विलयन के प्रकार :-
परासरण के आधार पर विलयन तीन प्रकार के होते हैं–
1. अल्पपरासरी विलयन (Hypotonic Solution) – अगर विलियन में पानी का Concentration कोशिका से ज्यादा हो, तो वह अल्पपरासरी होगा। इस विलयन में रखी हुई कोशिका हमेशा फूलेगी। इसमें जीवद्रव्य विकुंचन (Deplasmolysis) होता है।
2. अतिपरासरी विलयन (Hypertonic Solution) – अगर विलयन में पानी का concentration कोशिका से कम हो, तो वह अतिपरासरी होगा। इस विलयन में रखी हुई कोशिका हमेशा सिकुड़ेगी। इसमें जीवद्रव्य संकुचन (Plasmolysis) होता है।
3. समपरासरी विलयन (Isotonic Solution) – अगर विलयन में पानी का Concentration तथा कोशिका के अंदर जल का Concentration समान हो, तो वह समपरासरी विलियन होगा।
विसरण किसे कहते हैं ?
विसरण को English में Diffusion कहते हैं। विसरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी एक द्रव्य का कण किसी दूसरे द्रव्य में प्रवेश करता है। विसरण का Example – अगर एक गिलास पानी में हम एक बूंद स्याही रख देते हैं तो स्याही पुरे पानी में फ़ैल जाता है। यह विसरण का उदाहरण होता है।
परासरण (Osmosis) का महत्व :-
1. जड़ों के रोमों द्वारा जल का अवशोषण तथा पौधों के अंदर जल का एक कोशिका से दूसरी कोशिका में आना-जाना परासरण की प्रक्रिया से ही सम्भव होता है।
2. परासरण की वजह से ही कोशिका हमेशा फूली हुई रहती है।
3. पौधों के विभिन्न अंगों में पानी का वितरण परासरण के द्वारा होता है।
4. नई कोशिकाओं की वृद्धि भी इसी प्रक्रिया पर निर्भर करती है।
5. परासरण की क्रिया ही किसी भी पादपों को जमने या सूखने से बचाने में मददगार होती है।
परासरण दाब (Osmotic Pressure) :-
वह दाब जो शुद्ध जल (विलायक) के अणुओं को अर्ध पारगम्य झिल्ली के दूसरी ओर स्थित घोल में प्रवेश करने से रोकने के लिए आवश्यक होता है, परासरण दाब कहलाता है। अर्थात परासरण दाब परासरण होने से रोकता है, तथा परासरण की दिशा के विपरीत कार्य करता है।