पावागढ़ मंदिर में कितनी सीढ़ी है ( Pavagadh Mandir Mein Kitni Sidhi Hai ) ?
पावागढ़ मदिर में 250 सीढ़ियां हैं। पावागढ़ मंदिर गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह पावागढ़ के पहाड़ी पर स्थित है।
पावागढ़ मंदिर का महत्त्व :-
पावागढ़ मंदिर का पौराणिक, ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व है। इस मंदिर का ख़ास बात है कि यहाँ दक्षिण मुखी महाकाली की मूर्ति विराजमान है। पावागढ़ मंदिर को तांत्रिक पूजा में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
पावागढ़ मंदिर भक्तों का विश्वास और आस्था का केंद्र है। पावागढ़ मंदिर श्री राम के समय का है। महाकाली की मूर्ति विश्वामित्र ने ही स्थापित की थी।
यहाँ बहने वाली नदी का नाम विश्वामित्री है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम, उनके बेटे लव और कुश की मोक्ष की प्राप्ति यहाँ पर हुई थी, तथा इनके अलावा बहुत सारे बौद्ध भिक्षुओं ने मोक्ष की प्राप्ति किया था।
भारत का सबसे बड़ा मंदिर : –
भारत का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर का नाम है – श्री रंगनाथस्वामी जी। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में है। यहाँ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह मंदिर इतना बड़ा है कि इस मंदिर के बाउंड्री के अंदर एक शहर बसा हुआ है।
पावागढ़ का नाम :-
पावागढ़ पहाड़ी चारों तरफ से खाइयों से घिरे होने के कारण यहाँ हवा का वेग बहुत तेज होता है। इसलिए इसे पावागढ़ कहते हैं, अर्थात ऐसी जगह जहाँ हवा वास हमेशा एक जैसा हो।
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Ques – पावागढ़ शक्तिपीठ क्यों बना ?
Ans ➺ देवी पुराणों के अनुसार प्रजापति दक्ष के यज्ञ में सती भगवान शिव के अपमान सहन नहीं कर सकी। सती अपने योग बल द्वारा प्राण त्याग दिए थे। सती के मृत शरीर को लेकर शिव सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड भटकते रहे थे।
सृष्टि को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने चक्र से माता सती के मृत शरीर के टुकड़े कर दिए। माता सती के शरीर के जहां टुकड़े गिरे, वहां शक्तिपीठ बन गया।
पावागढ़ मंदिर से सम्बंधित रोचक तथ्य : –
पावागढ़ पहाड़ी के तलहठी में चंपानेर नगरी है। चंपानेर नगरी को वनराज चावड़ा ने अपने बुद्धिमान मंत्री के नाम पर बसाया था।
पावागढ़ पहाड़ी की शुरुआत चंपानेर नगरी से होती है। 1471 फीट की ऊंचाई पर माची हवेली है। पावागढ़ मंदिर ऊँची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस मंदिर पर चढ़ना बहुत कठिन है।