जीन पियाजे के अनुसार बच्चे अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था में –
A. संरक्षण, वर्गीकरण व श्रेणीबद्धता करने में सक्षम नहीं है।
B. प्रतीकात्मक और सांकेतिक खेलों में भाग लेना प्रारंभ करते हैं।
C. परिकल्पित निगमनात्मक तर्क और प्रतिज्ञप्ति चिंतन करने में समर्थ हैं।
D. केन्द्रीयकरण और अनुत्क्रणीय सोच से आबद्ध हैं।
Ans – C
मूर्त चिंतन क्या होता है ?
यह सबसे निम्न प्रकार का चिंतन होता है। इसमें सामने दिखने वाली वस्तु के बारे में चिंतन किया जाता है। अगर किसी वस्तु को देखकर या छूकर उसके बारे में बताया जाता है तो उसे हम मूर्त चिंतन कहते हैं। ऐसा मनोवैज्ञानिक का मानना है कि छोटे बच्चे और पशु-पक्षी मूर्त चिंतन करते हैं।
अमूर्त चिंतन क्या होता है ?
ज्ञान पर आधारित चिंतन अमूर्त चिंतन कहलाता है। अमूर्त चिंतन के लिए किसी वस्तु का प्रत्यक्ष रूप से सामने होना आवश्यक नहीं होता है। इस प्रकार के चिंतन के लिए बुद्धि और कल्पना शक्ति का प्रयोग होता है। जब कोई वस्तु या समस्या सामने नहीं हो फिर भी अगर उसके बारे में सोचा जाए तो यह अमूर्त चिंतन कहलाता है।
जीन पियाजे से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न : –
1. दिए गए विकल्पों में से जीन पियाजे के अनुसार कोई बच्चा किस अवस्था में अपने आस-पास की वस्तुओं को पहचानने और उनमें अंतर करने लगता है ?
A. युवावस्था में
B. बाल्यावस्था में
C. किशोरावस्था
D. पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था
Ans ➺ D
2. निम्नलिखित में से विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक कौन हैं ?
A. थार्नडाइक
B. जीन पियाजे
C. वाटसन
D. मैक्डूगल
Ans ➺ B
3. जीन पियाजे के अनुसार निम्न में से संज्ञानात्मक विकास की कितनी अवस्थाएं है ?
A. 4
B. 3
C. 2
D. 5
Ans ➺ A
4. निम्नलिखित में से ‘संज्ञानवादी पद्धति’ के जनक कौन हैं ?
A. वाटसन
B. जीन पियाजे व ब्रूनर
C. कोहलर व कोफ्का
D. कोई नही
Ans ➺ B
5. दिए गए विकल्पों में से विकासात्मक बाल मनोविज्ञान का जनक किसे माना गया है ?
A. फ्रायड को
B. ब्रूनर को
C. जीन पियाजे को
D. केली को
Ans ➺ C
6. इनमें से कौन-सा विकास बाल विकास के जीन पियाजे के सिद्धांत का आधार है ?
A. मनोविश्लेषण विकास
B. नैतिक विकास
C. मनोसामाजिक विकास
D. संज्ञानात्मक विकास
Ans ➺ D
7. जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत की ‘पूर्व संक्रियात्मक अवस्था’ का आयु समूह कितना वर्ष है ?
A. 0 -2 वर्ष
B. 2 – 7 वर्ष
C. 4 – 11 वर्ष
D. 7 – 12 वर्ष
Ans ➺ B