माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय | Makhanlal Chaturvedi Ka Jivan Parichay

माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय ( Makhanlal Chaturvedi Ka Jivan Parichay ) :-
पंडित माखनलाल चतुर्वेदी एक लेखक, कवि, वरिष्ठ साहित्यकार, जागरूक और कर्तव्यनिष्ठ पत्रकार थे। वे एक अध्यापक भी थे। पंडित माखनलाल चतुर्वेदी मात्र सोलह वर्ष में ही शिक्षक बन गए थे। इसके अलावा वे एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी भी थे।

 

उनके नाम पर समर्पित एशिया की पहली पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिज्म।

 

माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बावई नामक ग्राम में हुआ था । इनके पिता का नाम नन्दलाल चतुर्वेदी था जो प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक थे।

 

माखनलाल चतुर्वेदी की शिक्षा :-

माखनलाल चतुर्वेदी जी केवल प्राथमिक शिक्षा ही किसी संस्था में रहकर प्राप्त की। चतुर्वेदी जी उसके बाद घर पर ही अपनी लगन तथा परिश्रम से अंग्रेजी, गुजराती, बंगाली, तथा संस्कृत भाषाओं का अच्छा ज्ञान अर्जित किया। इसके पश्चात माखनलाल चतुर्वेदी ने कुछ दिनों तक अध्यापक का कार्य भी किया।

 

1913 में माखनलाल चतुर्वेदी जी अध्यापक की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और पूरी तरह काव्य साधना, पत्रकारिता और राष्ट्रीय आंदोलन के लिए समर्पित हो गए।

 

1913 में एक प्रसिद्ध मासिक पत्रिका ” प्रभा ” का सफल संपादन किया। प्रभा और कर्मवीर के संपादन के माध्यम से माखनलाल चतुर्वेदी ने आने वाले भारतीय युवाओं में उत्साह बढ़ाने का काम किया और इस संपादन के माध्यम से कहा की ब्रिटिश सरकार के गुलामी से छुटकारा पाओ और अपना जीवन स्वतंत्र रूप से जिओ।

 

माखनलाल चतुर्वेदी 1921 – 1922 में हुए असहयोग आंदोलन में गणेशशंकर विद्यार्थी की प्रेरणा और सम्पर्क से इन्होने राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिए और अनेक बार जेल यात्रा भी किये ।

 

कारावास के समय भी इनका कलम नहीं रुकी और कलम के सिपाही के रूप में ये देश की स्वाधीनता के लिए लड़ते रहे। 1943 में इन्होने हिन्दी साहित्य सम्मलेन के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया । माखनलाल चतुर्वेदी को 1943 में हिन्दी साहित्य का सबसे बड़ा ‘ देव पुरस्कार ‘ दिया गया था। माखनलाल चतुर्वेदी देश प्रेम के साथ – साथ प्रकृति से भी प्रेम करते थे।

 

मध्य प्रदेश शासन की ओर से खंडवा में 1964 में माखनलाल चतुर्वेदी के लिए नागरिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। भोपाल में स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखनलाल चतुर्वेदी के नाम पर ही रखा गया था।

 

विश्वविद्यालय ने डी. लिट की उपाधि एवं भारत सरकार ने पदमभूषण से अलंकृत किया। माखनलाल चतुर्वेदी जी ने 30 जनवरी 1968 को अपनी यह जीवन – यात्रा समाप्त कर दी।

 

माखनलाल चतुर्वेदी की कृतियाँ :-

अपनी कविताओं में राष्ट्रीयता का समर्थन करने वाले माखन लाल चतुर्वेदी जी की रचनाएं निम्नलिखित है – हिमतरंगिनी, माता, समर्पण, हिमकिरीतिनि, युगचरण, वेनुलो गूँजे घरा।

 

माखनलाल चतुर्वेदी की कविताएं :-

पुष्प की अभिलाषा, सिपाही, कैदी और कोकिला, मरण-ज्वार, सागर खड़ा बेड़ियाँ तोड़े, मुक्त गगन है, मुक्त पवन है, पूरी नहीं सुनोगे तान, अमर राष्ट्र।

 

पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की प्रमुख कृतियाँ हैं : –

हिम किरीटनी, साहित्य देवता, हिम तरंगिणी, वेणु लो गूँजे धरा ।

 

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अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 

 

माखनलाल चतुर्वेदी – कविता कोश :-

दीप से दीप जले, कैदी और कोकिला, एक तुम हो, लड्डू ले लो, मैं अपने से डरती हूँ सखि, झूला झूलै री, यौवन का पागलपन, बदरिया थम-थमकर झर री, तुम मिले, मुझे रोने दो, उपालम्भ, अमर राष्ट्र, जवानी, बलि-पन्थी से, वरदान या अभिशाप, गिरि पर चढ़ते, धीरे-धीर, सिपाही, कुंज कुटीरे यमुना तीरे आदि।

भाषण संग्रह – चिन्तक की लाचारी, आत्मदीक्षा।

 

माखनलाल चतुर्वेदी से सम्बंधित रोचक तथ्य : –
उन्होंने आजादी के बाद भारत सरकार में कोई पद लेने से इंकार कर दिया था। माखनलाल चतुर्वेदी को “पंडितजी” के नाम से भी जाना जाता है। वे अध्यापक का पद त्याग करने के बाद प्रभा पत्रिका का सम्पादन शुरू किये थे। ‘ हिन्दी केसरी ‘ द्वारा आयोजित 1908 का ‘ राष्ट्रिय आंदोलन और बहिष्कार ‘ टॉपिक पर निबंध प्रतियोगिता में पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का निबंध को प्रथम चुना गया था।

 

माखनलाल चतुर्वेदी से सम्बंधित महत्वपूर्ण ( FAQ ) :-

1. माखनलाल चतुर्वेदी का साहित्य में स्थान कैसा था ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी का हिन्दी साहित्य में अत्यंत उच्च स्थान रखते थे।

 

2. माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम क्या था ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी का उपनाम ‘ एक भारतीय आत्मा ‘ था।

 

3. माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म कब हुआ था ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को हुआ था।

 

4. माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म स्थान कहाँ था ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म स्थान बाबई गाँव ( जिला – होशंगाबाद, राज्य – मध्य प्रदेश ) है।

5. माखनलाल चतुर्वेदी की मृत्यु कब हुई थी ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी की मृत्यु 30 जनवरी 1968 को हुई थी।

 

6. माखनलाल चतुर्वेदी किस युग के कवि हैं ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी छायावाद युग केकवि थे।

 

7. माखनलाल चतुर्वेदी की भाषा शैली कैसा था ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी अपनी काव्य रचनाओं में ओजपूर्ण ( जोरदार, शक्ति ) भावात्मक भाषा शैली का प्रयोग करते थे।

 

8. माखनलाल विश्वविद्यालय का पूरा नाम क्या है ?
Ans ➺ माखनलाल विश्वविद्यालय का पूरा नाम है – माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ।

 

9. माखनलाल विश्वविद्यालय कहाँ है ?
Ans ➺ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में है।

 

10. हित तरंगिणी किसकी रचना है ?
Ans ➺ हित तरंगिणी माखनलाल चतुर्वेदी की रचना है।

 

11. एक भारतीय आत्मा किसे कहते हैं ?
Ans ➺ एक भारतीय आत्मा माखनलाल चतुर्वेदी जी का उपनाम है। उन्हें इस नाम से इसलिए जाना जाता था क्यूंकि उनकी रचनाएं में स्वतंत्रता की भाव निहित रहती थी। उनकी रचनाएं में देश की स्वतंत्रता के लिए त्याग और बलिदान का भाव रहता था। वे एक ऐसे रचनाकार थे जिनके हाथ में कलम और हृदय में देश भक्ति थी। उन्होंने इसी नाम से कविताएं भी लिखी है।

 

12. कर्मवीर पत्रिका के संपादक कौन हैं ?
Ans ➺ कर्मवीर पत्रिका के संपादक माखनलाल चतुर्वेदी हैं ।

 

13. माखनलाल चतुर्वेदी की कविताओं का मुख्य स्वर क्या है ?
Ans – माखनलाल चतुर्वेदी की कविताओं का मुख्य स्वर भावना, अनुभति, त्याग, समाज-कल्याण और राष्ट्र – प्रेम आदि।

 

14. कर्मवीर के संस्थापक कौन है ?
Ans – कर्मवीर के संस्थापक माखनलाल चतुर्वेदी हैं।

 

 

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