केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में कौन सी नदी बहती है ( Kevladev Rashtriy Udyan Mein Kaun Si Nadi Bahti Hai ) :-
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में गंभीर ( उटंगन ), बाणगंगा नदी बहती है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी गंभीर नदी से आता है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान में भरतपुर के निकट स्थित है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को पहले भरतपुर पक्षी विहार के नाम से जाना जाता था।
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना :-
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 10 मार्च 1982 में किया गया था। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1985 में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित कर दिया था।
केवलादेव का अर्थ : –
केवलादेव का अर्थ होता है केवल एक ही देव। शिव मंदिर के नाम पर ही केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का नाम रखा गया है।
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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित रोचक जानकारियां : –
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को रामसर साइट अक्टूबर 1981 में घोषित किया गया था। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को दो क्षेत्रों में बांटा गया है – सूखा क्षेत्र और पानी वाला क्षेत्र।साइबेरिया के, चाइना के और अनेक देशों के पक्षी वहां आते हैं। इन पक्षियों को सामान्यतः भारत में बहुत कम देख पाते हैं।
रामसर साइट : –
रामसर साइट एक तरह का आद्रभूमि होता है। रामसर साइट का नाम उस भूमि को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के लिए दिया जाता है।
Ques. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान क्यों प्रसिद्ध है ?
Ans – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां विश्व के अनेक जगहों से अलग – अलग पक्षी आते हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में हजारों की संख्या में दुर्लभ और विलुप्त जाति के पक्षी पाए जाते हैं।