गांधी-इरविन समझौता कब हुआ | Gandhi Irwin Samjhauta Kab Hua

मैं आज आपको गांधी-इरविन समझौता और गांधी-इरविन समझौता कब हुआ ( Gandhi Irwin Samjhauta Kab Hua ) के बारे में जानकारी देने जा रही हूँ। इस टॉपिक को सरल एवं सुव्यवस्थित से लिखा गया है जिसे समझने में आपको आसानी होगी।

 

Ques – गांधी-इरविन समझौता कब हुआ ( Gandhi Irwin Samjhauta Kab Hua ) ?
Ans -गाँधी इरविन समझौता 5 मार्च 1931 में दिल्ली में हुआ था। इसलिए दिल्ली समझौता भी कहा जाता है। गाँधी इरविन समझौता प्रथम गोलमेज सम्मलेन समाप्त होने के बाद शुरू हुआ था। यह समझौता तेज बहादुर और एम. आर. जयकर के अध्यक्षता में महात्मा गाँधी और लार्ड इरविन के मध्य हुआ था।

 

Ques – गांधी-इरविन समझौता कब हुआ उसके दो शर्तों का उल्लेख कीजिए ?
Ans – गांधी इरविन समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था। गांधी इरविन समझौता में लार्ड इरविन के द्वारा रखी गई मुख्य शर्तें इस प्रकार है : – सविनय अवज्ञा आंदोलन को समाप्त किया जाए। कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में भाग लेने लंदन आए और कांग्रेस ब्रिटिश समान का बहिष्कार नहीं करें।

 

गांधी इरविन समझौता में गांधीजी के द्वारा रखी गई मुख्य शर्तें इस प्रकार है : – शराब, अफीम की दुकानों पर शांति पूर्वक धरणा देने का अधिकार दिया जाए। आंदोलन के दौरान जब्त संपत्ति वापस किया जाए और आंदोलन के दौरान त्यागपत्र देने वालो को फिर से बहाल किया जाए। हिंसात्मक अपराधियों के अतिरिक्त सभी राजनैतिक कैदियों को छोड़ दिया जाए।

 

विभिन्न प्रकार से की गई जुर्मानों की वसूली को स्थगित कर दिया जाए। समुद्र तट के एक निश्चित सीमा के भीतर नमक तैयार करने की अनुमति दिया जाए। आपातकालीन अध्यादेश को वापस ले लिया जाए।

 

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Ques – गांधी इरविन समझौता की मध्यस्थता किसने की ?
Ans – गांधी इरविन समझौता तेज बहादुर सपू और एम आर जयकर के प्रयास से हुआ था। महात्मा गांधी और वायसराय लार्ड इरविन के बीच फरवरी 1931 में दिल्ली में बात शुरू हुई। 5 मार्च 1931 में इन दोनों के मध्य एक समझता हुई जो गांधी इरविन समझौता के नाम से जाना जाता है।

 

Ques – गांधी-इरविन समझौता किस से संबंधित है ?
Ans – गांधी इरविन समझौता गाँधीजी के शर्तो से सम्बंधित था। हिंसा के आरोपियों को छोड़कर बाकी सभी कैदियों को रिहा किया जाए। भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार दिया जाए।

 

Ques – गांधी-इरविन समझौता की विशेषताएं क्या थी ?
Ans – गाँधी इरविन समझौता की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है : – कांग्रेस गोलमेज सम्मलेन में भाग लेने के लिए सहमत हो , कांग्रेस के द्वारा सभी गतिविधियों पर अंकुश लगाना, 5 मार्च 1931 का गांधी-इरविन समझौता और नमक कानून वापस लिया जाना इस समझौता की विशेषता थी।

 

गांधी इरविन समझौता का कारण : –
गांधी इरविन समझौता का मुख्य कारण इस प्रकार है : – सविनय अवज्ञा आंदोलन का प्रभाव और महात्मा गाँधीजी का प्रथम गोलमेज सम्मलेन में भाग नहीं लेना इस समझौता का मुख्य कारण था। कारण था।

 

गांधीजी ने स्वीकार किया : –
गांधीजी के द्वारा स्वीकार किया गया मुख्य बाते इस प्रकार है : – सविनय अवज्ञा आंदोलन को वापस ले लिया जाएगा। कांग्रेस द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में भाग लेगी। कांग्रेस विदेशी वस्तुओं को बहिष्कार नहीं करेगी। कांग्रेस द्वारा पुलिस के विरुद्ध जांच की मांग नहीं की जाएगी।

 

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गांधी इरविन समझौता का प्रतिक्रियाएं : –
इस समझौते में इंग्लैंड और भारत के मध्य प्रक्रिया शुरू हुई जिसमें इरविन के तरफ से विस्टन चर्चिल ने कहा कि भारत इस काबिल नहीं है कि उससे बराबरी की बात किया जाए।

 

युवाओं को यह कहना था कि गाँधीजी ने भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु को छुड़ाने का प्रयास ही नहीं किया। और इन तीनों को 23 मार्च 1931 को फांसी पर लटका दिया गया।

 

युवाओं को यह भी मानना था कि गाँधीजी ने कांग्रेस की स्वतंत्रता का प्रस्ताव का बात ही नहीं किया। जे. एल. नेहरू ने कहा ” भगत सिंह का शव हमारे और इंग्लैण्ड के बीच खड़ा रहेगा ”।

 

गांधी-इरविन समझौता से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न : –

1. गांधी-इरविन समझौता क्यों हुआ ?
Ans – प्रथम गोलमेज सम्मलेन असफल होने के कारण गांधी-इरविन समझौता हुआ था।

 

2. गांधी-इरविन समझौता को और किस नाम से जाना जाता है ?
Ans – गांधी इरविन समझौता को और दिल्ली समझौता के नाम से जाना जाता है।

 

3. दिल्ली समझौता कब हुआ ?
Ans – दिल्ली समझौता 5 मार्च 1931 को हुआ था।

 

4. गांधी-इरविन समझौता कहां हुआ ?
Ans – गाँधी इरविन समझता दिल्ली में हुआ था।

 

Conclusion : – गांधी-इरविन समझौता कब हुआ ( Gandhi Irwin Samjhauta Kab Hua ) इसके बार में आप अच्छी तरह से पढ़ लिए हैं। गांधी-इरविन समझौता से सम्बंधित Facts लिखा गया। इसे आप कॉपी में लिखकर याद कर लें।

 

 

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